मंत्र जप का महत्व और प्रभाव

मंत्र जप का महत्व और प्रभाव भारतीय संस्कृति में मंत्र जप का विशेष स्थान है। "मंत्र" शब्द संस्कृत की धातु ‘मन’ (मनन करना) और ‘त्र’ (रक्षा करना) से बना है, जिसका अर्थ है — "मन को एकाग्र करने और रक्षा करने वाली ध्वनि।" मंत्र केवल शब्द या ध्वनि नहीं है, बल्कि यह एक दिव्य ऊर्जा है जो साधक के विचार, चित्त और आत्मा को शुद्ध करती है। मंत्र जप का आध्यात्मिक महत्व मंत्र जप साधना का सबसे सरल और प्रभावी साधन है। जब साधक नियमपूर्वक और श्रद्धा से मंत्र का जप करता है, तब उसकी चेतना सूक्ष्म स्तर पर उच्च शक्तियों से जुड़ जाती है। यह जुड़ाव साधक को आध्यात्मिक शांति, दिव्य अनुभव और आत्मिक बल प्रदान करता है। मंत्र जप से साधक का मन चंचलता से हटकर स्थिर होता है। यह ध्यान (Meditation) का सबसे सहज मार्ग है। नियमित जप से मनुष्य की नकारात्मक प्रवृत्तियाँ जैसे क्रोध, लोभ, मोह और ईर्ष्या धीरे-धीरे समाप्त हो जाती हैं। वैज्ञानिक दृष्टि से मंत्र जप विज्ञान के अनुसार हर ध्वनि तरंग (Sound Vibration) का शरीर और मन पर प्रभाव होता है। मंत्रों में विशिष्ट ध्वनियाँ और बीजाक्षर (जैसे ...